शनिदेव की आरती और भक्ति: शनिदेव की कृपा से जीवन के कष्टों का निवारण (Aarti and devotion of Shanidev: Relief from the troubles of life by the grace of Shanidev.)

शनिदेव की आरती और भक्ति: शनिदेव की कृपा से जीवन के कष्टों का निवारण

शनिदेव, जिन्हें न्याय का देवता कहा जाता है, भक्तों के जीवन को उनके कर्मों के आधार पर सुख या कष्ट प्रदान करते हैं। शनिदेव की भक्ति और आराधना से न केवल कष्ट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि, और सकारात्मकता भी आती है। इस लेख में शनिदेव की आरती के सुंदर शब्द, उनकी महिमा, और उनकी कृपा पाने के उपाय बताए गए हैं।


शनिदेव की आरती

शनिदेव की आरती में उनकी महिमा, शक्ति, और भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। यह आरती प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की पूजा के दौरान गाई जाती है।

शनिदेव की आरती: जय शनि देवा

जय शनि देवा, जय शनि देवा,  
जय जय जय शनि देवा।  
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,  
करें तुम्हारी सेवा।  
जय शनि देवा, जय शनि देवा,  
जय जय जय शनि देवा॥  

जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,  
घोर कष्ट वह पावे।  
धन वैभव और मान-कीर्ति,  
सब पलभर में मिट जावे।  
राजा नल को लगी शनि दशा,  
राजपाट हर लेवा।  
जय शनि देवा, जय शनि देवा,  
जय जय जय शनि देवा॥  

जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,  
सकल सिद्धि वह पावे।  
तुम्हारी कृपा रहे तो,  
उसको जग में कौन सतावे।  
ताँबा, तेल और तिल से जो,  
करें भक्तजन सेवा।  
जय शनि देवा, जय शनि देवा,  
जय जय जय शनि देवा॥  

हर शनिवार तुम्हारी,  
जय-जय कार जगत में होवे।  
कलियुग में शनिदेव महात्तम,  
दु:ख दरिद्रता धोवे।  
करू आरती भक्ति भाव से,  
भेंट चढ़ाऊं मेवा।  
जय शनि देवा, जय शनि देवा,  
जय जय जय शनि देवा॥  

शनिदेव की महिमा

शनिदेव की महिमा असीम है। वे सूर्य देव और छाया देवी के पुत्र हैं। शनिदेव न्याय के देवता हैं, जो व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यदि शनिदेव क्रोधित हो जाएं, तो व्यक्ति को घोर कष्ट सहना पड़ता है। राजा नल की कथा इसका प्रमाण है, जिसमें शनि दशा के प्रभाव से उनका राजपाट छिन गया।

वहीं, जब शनिदेव प्रसन्न होते हैं, तो भक्तों को समस्त सिद्धियों और सुखों की प्राप्ति होती है। शनिदेव की आराधना से व्यक्ति जीवन में आने वाली बाधाओं से बच सकता है।


शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. शनिवार का व्रत:
    प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के लिए व्रत रखें और उनकी पूजा करें।

  2. तेल और तिल का दान:
    गरीबों और जरूरतमंदों को सरसों का तेल, काले तिल, और लोहे की वस्तुएं दान करें।

  3. हनुमान चालीसा का पाठ:
    हनुमानजी शनिदेव के कष्टों को हरने वाले माने जाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ शनिदेव की कृपा पाने में सहायक होता है।

  4. पशु-पक्षियों को भोजन:
    चिड़ियों को दाना और मछलियों को आटा खिलाना शनिदेव को प्रसन्न करता है।

  5. भक्ति भाव से आरती:
    शनिदेव की आरती गाएं और तांबे के दीपक में सरसों का तेल जलाएं।


शनिदेव की पूजा विधि

शनिदेव की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:

  1. शनिवार को प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  2. गंगाजल से स्नान करें।
  3. शनिदेव की मूर्ति या चित्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  4. काले तिल, तेल, और लोहे की वस्तु का दान करें।
  5. शनिदेव के मंत्र का जाप करें:
    "ॐ शं शनैश्चराय नमः।"
  6. शनिदेव की आरती गाएं और उनसे कृपा की प्रार्थना करें।

शनिदेव की कृपा का महत्व

शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को अपने जीवन में अनुशासन और सच्चाई का पालन करने की प्रेरणा मिलती है। उनकी पूजा से जीवन के संकटों का निवारण होता है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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