जय जय श्री शनिदेव: आरती, कृपा और पूजन विधि (Jai Jai Shri Shanidev: Aarti, grace and worship method)
जय जय श्री शनिदेव: आरती, कृपा और पूजन विधि शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन उनकी आरती करने और विशेष पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। उनकी आराधना से जीवन के कष्टों का निवारण होता है और शांति, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है। शनिदेव की आरती शनिदेव की आरती भक्तों के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। श्रद्धा और भक्ति से गाई गई आरती जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। जय जय श्री शनिदेव आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी। क्रीट मुकुट शीश राजित, दिपत है लिलारी, मुक्तन की माला गले, शोभित बलिहारी। मोदक मिष्ठान पान, चढ़त हैं सुपारी, लोहा तिल तेल उड़द, महिषी अति प्यारी। देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी, विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हैं तुम्हारी। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी। शनिदेव की ...